द्वादश भावका विचारणीय विषय
हानी, खर्च, जेल, मोक्ष, स्थान निष्कासन,विदेश, विदेश भ्रमण, दानशीलता, अपने ऊपर के खर्चे, अंग हीनता, बाया नेत्र, सुख, बेडरूम, पत्नी के साथ, संभोग का विचार इस भाव से होगाI इसका कारक ग्रह शनि हैI निद्रा भंग, ऋण से छुटकारा, वैवाहिक जीवन की हानि, विवाह में देरी, अलगाव, तलाक, पद की हानि,सत्ता व अधिकार से बाहर, जेल, बेबसी, धननाश, अपने बड़ों से बिछड़ना, सभी प्रकार के खर्चे, इन्वेस्टमेंट, पत्नी की बीमारी, बैर, झगड़ा, गुस्सा आदि का विचार इस भाव से करेंI