बुध के बाद सौरमंडल में सूर्य के सबसे नजदीक रहने वाला ग्रह शुक्र हैI यह सबसे ज्यादा चमकीला ग्रह हैI यह 225 दिनों में सूर्य की परिक्रमा करता है व वृष एवं तुला राशियों का स्वामीहै l एक राशी में लगभग 28 दिन गोचर करता हैIशुक्र ग्रह प्रेम प्रसंग सौंदर्य एवं आकर्षण का प्रतीक हैl यह एक शुभ ग्रह,जलतत्व,अग्नि कोण दिशा का स्वामी, रजोगुणी, सुन्दर नेत्र,खूबसूरत चेहरा, ब्रह्मण जाती एवं स्त्री ग्रह है। शुक्र संगीत, गायन,चित्रकला, सौंदर्य श्रृंगार,कवि,कला,विवाह – सुख, व्यापार, वाहन सुख, सुगंध प्रिय तेल, घर, मकान, शुगर तथा मैथुन का कारक हैIस्त्री, वाहन, काम सुख़, वीर्य, भौतिक सुख,वासना आभूषण, चाँदी इत्यादि भी शुक्र से विचार होगा। शुक्र सप्तमभाव का कारक व प्रिय रत्न हीरा, प्रिय धातु चाँदी हैI शुक्र ग्रह से विचारणीय रोग में गला,ठोढ़ी,अंडाशय, आंतरिक कामवासनाएं, मुत्राशय संबंधी रोग, धातु – प्रेमह शुगर, पथरी एवं स्त्री के गर्भाशय संबंधी रोग आते हैI