सप्तम भाव से विचारणीय विषय

पत्नी, पार्टनर, हवाई यात्राएं, साइड बिजनेस, डेली या मंथली इनकम, जीवनसाथी, ससुराल, पत्नी का घर, व्यापार, गुप्तांग, वैवाहिक जीवन, भतीजा, दूध, दही, नष्ट धन प्राप्ति, माता का वैभव, पद प्राप्ति, मारक, कमर का विचार इस भाव से होगाI  इसका कारक शुक्र ग्रह हैI व्यभिचार, अनैतिक यौन संबंध, रति कुशलता, सफल प्रेम संबंध, मार्ग से भटकना, गंतव्य को छोड़कर अन्य स्थान पर चले जाना, स्वादिष्ट भोजन, भूल जाने का रोग, वीर्य, पति पत्नी का चरित्र व स्वभाव, दूसरी स्त्री की संभावना, स्त्री पुरुष के गुप्तांग, मूत्र, वाणिज्य, शत्रु की पराजय, दूसरे का धन, संभोग क्रिया, घी से बने पदार्थ,विवाहेत्तर संबंध का विचार सप्तम भाव से होता हैI