बुध ग्रह से विचारणीय विषय।

ज्योतिष में बुध ग्रह को एक शुभाशुभ ग्रह माना गया है अर्थात ग्रहों की संगति के अनुरूप ही यह फल देता है। यदि बुध ग्रह शुभ ग्रहों (गुरु, शुक्र और बली चंद्रमा) के साथ होता है तो यह शुभ फल देता है और क्रूर ग्रहों (मंगल, केतु, शनि राहु, सूर्य) की संगति में अशुभ फल देता है। बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हम लोग यहाँ पर बुध ग्रह  से विचारणीय विषय के बारे में जानेंगे -

वाणी,बोलने में बुद्धि का प्रयोग, चतुराई, स्नायु तंत्र,वाणिज्य, लेखा-जोखा,गणित, गणना, कैलकुलेशन, बैंकिंग, हरा रंग, हरियाली, कृषि, बड़ा नेत्र, तिरछी दृष्टि, रेवती,आश्लेषा,जेष्ठा नक्षत्र का स्वामी है। इनके देवता भगवान विष्णु हैं। संग्रहणी, खेल का स्थान, मनोरंजन, हंसी मजाक, कॉमेडी, मामा का कारक, स्मरण शक्ति, व्यवहार, ज्योतिष, उपासना, तर्कशक्ति, लेखन, प्रकाशन, पत्रकारिता, मित्र, दत्तक पुत्र, यज्ञ विधि, उच्च शिक्षा, ठंडापन, खराब स्वप्न, उदर विकार, जीभ के विकार, श्वास नली, श्रवण शक्ति, नस, शिल्पकारी, उच्चारण, श्वेत कुष्ठ, प्रेरणा, वास्तु परीक्षण, हस्तरेखा, स्कूल, कोचिंग, ट्रेनिंग का कार्य,कंप्यूटर,इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, संपादक का कार्य, प्रकाशक,लेखक, पोस्ट मास्टर, हाथ, भुजा, हकलाहट, कंठ रोग, त्वचा रोग का करक बुध है।