,नेत्र,आत्मविश्वास,तेज़,माणिक्य रत्न,राजा, शासनादी,हड्डीयों,पेट एवं हृदय का कारक हैI कुंडली में प्रथम,नवम,दशमभाव का कारक हैI
सूर्य से शारीरिक गठन, शक्ति, पिता, वैध, उच्च वर्ग, प्रतिष्ठा,ग्रीष्म ऋतु, सोना, तांबा,शरीर की आरोग्यता का सुख,पित्त प्रकृति,सतोगुण,अग्नि तत्व,पुरुष जाति का विचार होता है ,पूर्व दिशा का स्वामी, दिन में बली होता हैI मेष राशिमें 10 अंश पर परमोच्च एवं तुला राशि में 10 अंश पर परमनीच होता हैIक्षत्रिय जाति का ग्रह हैl
सूर्य ग्रह से जुड़े रोग रक्त, पित्त विकार, सिर दर्द, नेत्र रोग,ज्वर, ह्रदय रोग, अतिसार,पेट की बीमारी व हड्डियों का रोग, व्याकुलता आदिहैI