तृतीय भाव से विचारणीय विषय

छोटे भाई बहन, पराक्रम, परिश्रम, क्षमता, साहस, धैर्य, इच्छाशक्ति, संघर्षशीलता, कंधा, दाई भुजा, गला, दया, कान, वीरता, ससुर जी, हायर सेकेंडरी शिक्षा, जीवनसाथी का भाग्य, अस्थि, हड्डी, वस्त्र, दास दासी, फल का विचार इस भाव से होगाI इसका कारक मंगल ग्रह हैI लेखन, संवाद, संचार, व्यवहार, संपत्ति का विभाजन,  जायदाद का बंटवारा, दूसरों को दुख देना, निकट संबंधी, मित्र, सहयोगी, छोटी यात्राएं, छोटे व्यापार, पर्यटन, भ्रमण, कंठ, गले की मिठास, सद्गुण, मनोरंजन, रुचिकर   कार्य, शारीरिक विकास, वंश गौरव, दास दासी,हेल्पर, कर्तव्य का पालन तृतीय भाव से होगाI