शुक्र ग्रह को वैदिक ज्योतिष में प्रेम व सुख का कारक माना है। इसी बात से आप ज्योतिष में शुक्र ग्रह के स्थान व महत्व को जान सकते हैं। तृतीय भाव में स्थित शुक्र जातक को जीवन में भोग-विलासिता के प्रति झुकाव रखता है। जातक को धोखाधड़ी, चोरी या दुर्घटनाओं की ओर ले जाता है। उपाय के तौर पर जातक को अपनी पत्नी का सम्मान करना चाहिए और अन्य महिलाओं के साथ छेड़खानी से बचना चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हम लोग यहाँ पर शुक्र ग्रह से विचारणीय व्यवसाय के बारे में जानेंगे -
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